Dhanbad News: रेलवे लाइन बिछाने वाली कंपनी के सुपरवाइजर और गार्ड ही निकले चोर, 5 गिरफ्तार
Dhanbad News: झारखंड के धनबाद जिले के सिंदरी मार्शलिंग यार्ड में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें रेलवे लाइन बिछाने का कार्य कर रही कोलकाता की एक कंपनी के सुपरवाइजर और तीन नाइट गार्ड चोरी के आरोप में पकड़े गए हैं। इन कर्मचारियों पर रेलवे की कीमती कापर केबल और लोहे की चोरी का आरोप है, जिसे वे स्थानीय कबाड़ी दुकानदार को बेच रहे थे। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और चोरी किया गया सामान भी बरामद कर लिया गया है।
Highlights:
सिंदरी यार्ड में हो रही थी चोरी की घटनाएं
धनबाद के सिंदरी मार्शलिंग यार्ड में रेलवे कंस्ट्रक्शन विभाग द्वारा एक कोलकाता की कंपनी BKY-HEW JV को सिविल और इलेक्ट्रिक कार्यों के लिए टेंडर आवंटित किया गया था। इसी कंपनी ने वायरमैन, सुपरवाइजर और गार्ड की नियुक्ति की थी। लेकिन अफसोसजनक बात यह रही कि कंपनी द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारी ही रेलवे की संपत्ति को चुरा रहे थे।
गुरुवार को आरपीएफ को गुप्त सूचना मिली कि रात्रि में ड्यूटी कर रहे चौकीदार और कर्मचारी रेलवे परिसर से तांबे की केबल और लोहा चोरी कर रहे हैं। यह सामग्री सिंदरी के गुरुद्वारा के पास एक कबाड़ी दुकान में बेची जा रही थी, जिसका संचालन राजकुमार मल्लिक करता है।
RPF की कार्रवाई में पांच गिरफ्तार
सूचना मिलते ही धनबाद RPF ने सीनियर अधिकारियों के निर्देश पर एक विशेष टास्क टीम गठित की। टीम ने सिंदरी के शहरपुरा गुरुद्वारा मोड़ पर स्थित गुलगुलिया बस्ती में छापेमारी की। वहां कबाड़ी राजकुमार मल्लिक के गोदाम से लगभग ₹2000 मूल्य की अवैध रेलवे सामग्री बरामद की गई।
कबाड़ी की निशानदेही पर RPF ने अहमद अली उर्फ भानु अली को भी गिरफ्तार किया, जो उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के कुचवन अलीनगर का रहने वाला है और कोलकाता की कंपनी द्वारा सुपरवाइजर के पद पर तैनात था। इसके अलावा तीन नाइट गार्ड — पवन सिंह, रोहित मंडल और मोहित कुमार यादव, जो सिंदरी यार्ड के पास ही रहते हैं, उन्हें भी गिरफ्तार किया गया। इनकी गिरफ्तारी के समय ₹8000 मूल्य की कॉपर केबल बरामद की गई।
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चोरी का सामान कबाड़ी के जरिए बिकता था
RPF अधिकारियों के अनुसार, चोरी किया गया सामान सिंदरी में स्थित कबाड़ी दुकान के माध्यम से बाजार में बेचा जाता था। आरोपी नियमित रूप से रेलवे परिसर से सामान चोरी करते थे और फिर उसे कबाड़ी को बेच देते थे। यह एक संगठित चेन के रूप में कार्य कर रहा था, जिसमें सुपरवाइजर और गार्ड खुद शामिल थे।
जेल भेजे गए सभी आरोपी
गिरफ्तार किए गए सभी पांचों आरोपियों को रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह मामला दर्शाता है कि किस प्रकार सरकारी संपत्ति की सुरक्षा में लगे कर्मचारी ही भ्रष्टाचार और अपराध में लिप्त हो सकते हैं।
रेलवे विभाग ने बढ़ाई सतर्कता
इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने का निर्णय लिया है। संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के सत्यापन और उनके गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। आरपीएफ की सक्रियता से यह गंभीर मामला समय रहते उजागर हो गया और सरकारी संपत्ति को और अधिक नुकसान होने से बचा लिया गया।