Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में बालू घाटों और अन्य लघु खनिजों के आवंटन पर बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने बुधवार को हुई सुनवाई में अगले आदेश तक सभी आवंटनों पर रोक लगाने का निर्देश दिया। साथ ही, अदालत ने पेसा (PESA) नियमावली लागू करने में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई और राज्य सरकार को दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
Highlights:
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने सवाल उठाया कि 13 महीने पहले दिए गए आदेश के बावजूद पेसा नियमावली अब तक लागू क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने कहा कि जब सभी विभाग राज्य सरकार के ही हैं तो राय लेने में इतनी देरी कैसे हो सकती है।
झारखंड हाईकोर्ट: 17 विभागों केवल 8 विभागों ने जवाब दिया
सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने बताया कि नियमावली पर 17 विभागों से राय मांगी गई थी, जिनमें से अब तक केवल 8 विभागों ने जवाब दिया है। विधि और वित्त विभाग की राय मिलने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
वहीं, प्रार्थी पक्ष के अधिवक्ता अजीत कुमार ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर नियमावली में देरी कर रही है ताकि पेसा लागू होने से पहले बालू घाटों का टेंडर कर सके।
झारखंड हाईकोर्ट: झारखंड में अबतक पेसा कानून लागू नहीं
गौरतलब है कि पेसा कानून 1996 में आदिवासियों के अधिकार सुरक्षित करने के लिए बनाया गया था, लेकिन झारखंड में यह अब तक लागू नहीं हो पाया। 2024 में हाईकोर्ट ने सरकार को दो महीने में नियमावली लागू करने का आदेश दिया था। आदेश नहीं मानने पर कोर्ट ने अब सख्त कदम उठाया है।












