Ranchi: झारखंड में शराब घोटाले की जांच को लेकर सियासी तापमान एक बार फिर बढ़ गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एसीबी (ACB) की ओर से की जा रही पूछताछ पर सवाल उठाते हुए जांच की निष्पक्षता पर संदेह जताया है। उन्होंने कहा कि यदि वाकई एसीबी इस घोटाले की तह तक जाना चाहती है, तो पूर्व उत्पाद सचिव विनय चौबे से पूछे जाने वाले आठ महत्वपूर्ण सवाल हैं, जिनका उत्तर सच्चाई को सामने लाएगा।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि घोटाले में बड़े-बड़े लोगों की संलिप्तता है और यदि एसीबी ईमानदारी से जांच करे तो पूरा रैकेट सामने आ सकता है। उन्होंने कहा कि जनता सच्चाई जानना चाहती है, और उसके लिए जरूरी है कि जांच एजेंसियाँ निष्पक्ष होकर काम करें।
मरांडी द्वारा सुझाए गए आठ सवाल
1. छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से पहले मैंने मुख्यमंत्री को जो पत्र लिखा था, क्या वह पत्र आपको प्राप्त हुआ था?
2. यदि पत्र मिला, तो क्या आपने उसे पढ़ा या सिर्फ अलमारी में रख दिया?
3. यदि आपने पत्र पढ़ा, तो उस पर क्या कार्रवाई की गई?
4. क्या मुख्यमंत्री कार्यालय से आपको उस पत्र के संबंध में कोई निर्देश प्राप्त हुए थे?
5. जब झारखंड के विधायक रायपुर गए थे, तो वहां गाड़ियों में भरकर शराब होटल में पहुँचाने के लिए आदेश किसका था? क्या आपकी ओर से किसी को निर्देशित किया गया था?
6. रायपुर यात्रा के दौरान किन-किन लोगों से आपकी बातचीत हुई थी?
7. क्या Marshan Securities और Vision Hospitality जैसी कंपनियों का चयन मुख्यमंत्री या उनके कार्यालय के हस्तक्षेप के बिना संभव था?
8. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस पूरे घोटाले में क्या भूमिका रही? छत्तीसगढ़ सिंडिकेट से जो काली कमाई हुई, उसमें मुख्यमंत्री की कितनी हिस्सेदारी थी?
मरांडी ने कहा, “हम जानते हैं कि मुख्यमंत्री के अधीन काम करने वाली ACB से निष्पक्ष जांच की उम्मीद करना शायद बहुत बड़ी उम्मीद है। लेकिन ये सवाल पूछे ही जाने चाहिए। यदि ACB नहीं पूछेगी, तो भविष्य में स्वतंत्र एजेंसियाँ जरूर जवाब खोजेंगी।”
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर सत्ताधारी सोचते हैं कि ACB को ढाल बनाकर सच्चाई से बच सकते हैं, तो वे गलतफहमी में हैं। झारखंड की जनता अब सस्ती शराब नहीं, साफ़ शासन चाहती है।
Jharkhand liquor scam