Ranchi News: झारखंड में 21 मई को प्रस्तावित ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (TAC) की पहली बैठक से भारतीय जनता पार्टी ने दूरी बना ली है। पार्टी ने यह कदम आदिवासी हितों की उपेक्षा और सदस्य चयन प्रक्रिया को लेकर आपत्ति जताते हुए उठाया है।
बीजेपी ने उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने स्पष्ट तौर पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पांचवीं अनुसूची के तहत राज्यपाल के अधिकारों का उल्लंघन करते हुए TAC के सदस्यों की नियुक्ति मनमाने तरीके से की है। उन्होंने कहा कि संविधान में राज्यपाल को यह अधिकार दिया गया है, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे नजरअंदाज कर आदिवासी समाज के अधिकारों से खिलवाड़ किया है।
TAC बैठक का बहिष्कार तय
बीजेपी की ओर से यह भी साफ किया गया है कि पार्टी के किसी भी सदस्य ने इस बैठक में शामिल न होने का फैसला लिया है। चंपई सोरेन और बाबूलाल मरांडी जैसे वरिष्ठ नेता भी इस निर्णय में शामिल हैं।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होनी है बैठक
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होने जा रही TAC की बैठक में कुल 13 विधायक और 2 नामित सदस्य शामिल होने थे। यह बैठक राज्य में आदिवासी नीतियों, योजनाओं और विकास कार्यों पर चर्चा के लिए अहम मानी जा रही है, लेकिन बीजेपी के बहिष्कार से इसकी गरिमा और दिशा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
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