Ranchi news: झारखंड में एक बार फिर सरना आदिवासी धर्म कोड को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। झामुमो ने भाजपा पर आदिवासी हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है। पार्टी प्रवक्ता विनोद पांडेय ने सवाल किया है कि विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित सरना कोड को केंद्र सरकार कब तक मान्यता देगी?
विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा की आदिवासी विरोधी सोच किसी से छुपी नहीं है। उनका आरोप है कि भाजपा की नज़र आदिवासियों की जमीन पर है जिसे कॉर्पोरेट घरानों को सौंपने की साजिश रची जा रही है।
वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस और झामुमो सरना कोड पर आदिवासियों को गुमराह कर रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने याद दिलाया कि 2014 में कांग्रेस के आदिवासी कल्याण मंत्री ने ही इस कोड को अव्यवहारिक बताते हुए खारिज किया था। उन्होंने कहा कि जब दोनों दल सत्ता में थे तब कुछ नहीं किया, अब आंदोलन की बातें कर रहे हैं।
सरना धर्म कोड को लेकर झारखंड की राजनीति में जोरदार बयानबाजी जारी है, लेकिन आदिवासी समाज अभी भी असमंजस में है कि उनकी धार्मिक पहचान को आखिर कब मिलेगी संवैधानिक मान्यता।