दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी बनेगा विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र, 200 करोड़ की परियोजना का हुआ निरीक्षण
Jamshedpur: झारखंड का दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी अब विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। यह घोषणा राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने रविवार को दलमा दौरे के दौरान की। मंत्री सोनू के साथ जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी और जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
मंत्री के दलमा पहुंचने पर डीएफओ सह गज परियोजना के उप निदेशक सबा आलम अंसारी ने उनका स्वागत किया और 200 करोड़ रुपये से अधिक की महत्वाकांक्षी पर्यटन परियोजना की विस्तृत जानकारी दी। इस परियोजना में ग्लास ब्रिज, रोपवे, और 30 नए कॉटेज के निर्माण का प्रस्ताव शामिल है।
कॉटेज निर्माण कार्य मकुलाकोचा और पिंड्राबेड़ा में किया जाएगा, जहां 15-15 कॉटेज बनाए जाएंगे। इसके साथ ही पर्यटकों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए 10 अतिरिक्त सफारी गाड़ियाँ खरीदने का भी निर्णय लिया गया है।
पर्यटन मंत्री ने दलमा टॉप का भी निरीक्षण किया और वहाँ स्थित मंदिर, वॉच टावर और सड़क समेत अन्य सुविधाओं के सौंदर्यीकरण के लिए त्वरित कार्य आरंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लगभग 200 फीट लंबा ग्लास ब्रिज इस क्षेत्र का मुख्य आकर्षण होगा, जिससे पर्यटक हवा में चलने जैसा अनुभव करेंगे और दलमा की प्राकृतिक सुंदरता को नजदीक से देख सकेंगे।
इस अवसर पर डीएफओ ने बताया कि इस साल 60 हजार से अधिक पर्यटक दलमा का भ्रमण कर चुके हैं। साथ ही दलमा क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थानीय उत्पादों जैसे साल पत्ते के दोने-पत्तल, महुआ के लड्डू, बांस और मिट्टी से बने उपहार की बिक्री के माध्यम से उन्हें रोजगार प्रदान किया जा रहा है।
विधायक मंगल कालिंदी ने कहा कि उन्होंने दलमा को तिरुपति बालाजी मॉडल पर विकसित करने की मांग पहले ही विधानसभा में उठाई थी, और अब मंत्री का यह दौरा उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी का यह कायाकल्प न केवल झारखंड के पर्यटन को नई पहचान देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के नए द्वार भी खोलेगा।