रांची: झारखंड में आठ आईपीएस अधिकारियों को बिना सक्षम प्राधिकरण की अनुमति के अतिरिक्त प्रभार सौंपने के मामले को गृह विभाग ने गंभीरता से लिया है। विभाग ने इस निर्णय को नियमों का उल्लंघन बताया है और राज्य के डीजीपी से स्पष्टीकरण मांगा है।
गृह विभाग के संयुक्त सचिव आलोक कुमार ने 13 जून को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को मुख्य सचिव या मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना अतिरिक्त प्रभार नहीं दिया जा सकता।
हाल ही में 10 जून को पुलिस मुख्यालय की ओर से आठ आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश जारी किया गया था, जिसे गृह विभाग ने कार्मिक विभाग के 2010 के नियमों के खिलाफ माना और उस आदेश को रद्द कर दिया।
गृह विभाग ने भविष्य में ऐसी प्रक्रिया दोहराने से बचने का निर्देश दिया है और पूछा है कि किन परिस्थितियों में डीजीपी कार्यालय ने यह निर्णय लिया।
इसे भी पढ़े-Maiya Samman Yojna: 6 महीने से 18+ युवतियों को नहीं मिल रहा मंईयां सम्मान योजना का लाभ, पोर्टल बना बाधाhttps://www.newsinfolive.com/maiya-samman-yojna-6-months-to-18-women-are-not-getting-the-benefit-of-the-honor-scheme-the-portal-became-a-hurdle/