रांची: झारखंड में 38 करोड़ रुपये के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। बुधवार, 21 मई को एसीबी की टीम ने उत्पाद भवन में छापेमारी करते हुए ऑपरेशन और फाइनेंस से जुड़े तीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में पूर्व जीएम (ऑपरेशन) सुधीर कुमार, वर्तमान जीएम (फाइनेंस) सुधीर कुमार दास और एक अन्य अधिकारी शामिल हैं। सुधीर कुमार वर्तमान में रियाडा में पदस्थापित हैं, लेकिन शराब घोटाले के दौरान उत्पाद विभाग में तैनात थे।
एसीबी की छापेमारी से उत्पाद भवन में हड़कंप
एसीबी की टीम के पहुंचते ही उत्पाद भवन में हड़कंप मच गया। कई अधिकारी और कर्मचारी दस्तावेज जांच के दौरान कुर्सियां छोड़कर इधर-उधर जाते देखे गए। टीम ने वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच की।
पहले दिन भी हुई थी बड़ी कार्रवाई
इससे एक दिन पहले, 20 मई को एसीबी ने तत्कालीन उत्पाद सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था। विनय चौबे को उनके आवास से हिरासत में लिया गया, जबकि गजेंद्र सिंह को फोन कर बुलाकर गिरफ्तार किया गया था। दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
सरकार को हुआ 38 करोड़ का नुकसान
एसीबी के आधिकारिक बयान के अनुसार, आईएएस विनय चौबे ने शराब बिक्री एजेंसियों के चयन में नियमों की अनदेखी कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। उनके और अन्य अधिकारियों के कृत्य से राज्य सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
एसीबी अब इन अधिकारियों की संपत्तियों, बैंक खातों और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच कर रही है। झारखंड में यह घोटाला प्रशासनिक पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है, वहीं ACB की लगातार कार्रवाई से यह साफ है कि भ्रष्टाचार पर अब शिकंजा कसता जा रहा है।