झारखंड सरकार ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह के नेतृत्व में राज्यभर में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और ग्राम संगठनों के विस्तार के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य है — हर गांव तक महिला सशक्तिकरण की लौ पहुंचाना।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक झारखंड में 21,002 ग्राम संगठनों का गठन हो चुका है। यह उपलब्धि राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, लेकिन मंत्री ने स्पष्ट किया है कि यह केवल शुरुआत है। लक्ष्य है कि राज्य का हर गांव, हर महिला इस बदलाव की प्रक्रिया का हिस्सा बने।
मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने निर्देश दिया है कि हर गांव में कम से कम एक ग्राम संगठन का गठन अनिवार्य रूप से किया जाए। इसके अलावा, हर SHG से जुड़ी महिला को बीमा सुरक्षा देने की बात भी कही गई है, ताकि वे न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनें, बल्कि सामाजिक रूप से भी सुरक्षित रहें।
सरकार की योजना केवल वित्तीय समावेशन तक सीमित नहीं है। राज्य में स्कूल ड्रेस की खरीदारी और आंगनवाड़ी केंद्रों में अंडे की आपूर्ति का कार्य भी स्वयं सहायता समूहों को सौंपने की तैयारी चल रही है। इसके लिए नियमावली और आवश्यक प्रक्रियाएं जल्द तैयार की जा रही हैं, जिससे महिलाएं सीधे तौर पर राज्य की आपूर्ति व्यवस्था और सरकारी योजनाओं की साझेदार बनें।
इस अभियान के माध्यम से न केवल महिलाओं को रोजगार और आय का साधन मिलेगा, बल्कि उन्हें नीति निर्धारण और विकास प्रक्रिया में भागीदारी का अवसर भी मिलेगा। मंत्री का यह स्पष्ट संदेश है कि “झारखंड की महिलाएं सिर्फ लाभार्थी नहीं, बल्कि विकास की अगुवा होंगी।”
यह अभियान आने वाले समय में राज्य में महिला नेतृत्व को मजबूती, आर्थिक आत्मनिर्भरता और सामाजिक बदलाव की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।