Ranchi: झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा हाल ही में घोषित झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विसेस मुख्य परीक्षा के परिणाम को लेकर भाजपा ने कड़ा रुख अपनाया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने शनिवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में परिणाम की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए इसे “लॉटरी जैसा रिजल्ट” करार दिया।
प्रतुल शाह देव ने कहा कि जेपीएससी का उद्देश्य निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया को बढ़ावा देना बताया गया है, लेकिन हालिया रिजल्ट में न तो आरक्षित वर्गों की स्थिति स्पष्ट की गई है और न ही श्रेणीवार कटऑफ को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस सहित अन्य वर्गों को आरक्षण की सुविधा प्रदान की जाती है, लेकिन घोषित परिणाम में इससे संबंधित कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
गजट अधिसूचना का किया हवाला
प्रतुल ने झारखंड सरकार की 19 दिसंबर 2023 की गजट अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि झारखंड कंबाइंड सिविल सर्विस एग्जामिनेशन रूल्स 2023 के तहत स्पष्ट प्रावधान है कि सभी आरक्षित श्रेणियों के लिए अलग-अलग कटऑफ तय होंगे और मुख्य परीक्षा के लिखित परिणाम में प्रत्येक श्रेणी से ढाई गुना से अधिक अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। इसके बावजूद जेपीएससी द्वारा प्रकाशित परिणाम में किसी भी श्रेणी का उल्लेख नहीं है, जिससे संदेह उत्पन्न हो रहा है।
झारखंड के उम्मीदवारों के साथ अन्याय का आरोप
उन्होंने आशंका जताई कि कहीं इस बार भी झारखंड के स्थानीय अभ्यर्थियों की जगह बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को ही अधिक संख्या में चयनित तो नहीं कर लिया गया? उन्होंने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आयोग को श्रेणीवार परिणाम अविलंब प्रकाशित करना चाहिए।
सरकार से की हस्तक्षेप की मांग
प्रतुल शाह देव ने राज्य सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर जेपीएससी को दिशा-निर्देश देने की मांग की, जिससे उम्मीदवारों का भरोसा बहाल हो सके। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आयोग ने जल्द ही पारदर्शी ढंग से श्रेणीवार परिणाम जारी नहीं किए, तो एक बार फिर जेपीएससी की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ जाएगी।