Ranchi: राजधानी रांची सहित आस-पास के क्षेत्रों में वट सावित्री व्रत की पारंपरिक धूम देखी गई। सोमवार की सुबह से ही सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु की कामना के साथ वट वृक्ष की पूजा में लीन रहीं। महिलाओं ने पारंपरिक सोलह श्रृंगार के साथ विधिपूर्वक व्रत रखा और बरगद के वृक्ष की परिक्रमा करते हुए कच्चा धागा बांधा।
रांची के कई हिस्सों में यह व्रत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। महिलाएं सुबह से ही पूजा स्थलों पर जुटीं और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनकर यमराज से सत्यवान के प्राण बचाने की प्रेरणादायक गाथा को याद किया।
स्थानीय महिलाओं का मानना है कि इस व्रत से न केवल पति की उम्र लंबी होती है, बल्कि वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं। मान्यता है कि वट वृक्ष में त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश – का वास होता है, इसलिए इसकी पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
व्रत करने वाली महिलाओं ने बताया कि यह पर्व नारी शक्ति के प्रेम, समर्पण और संकल्प का प्रतीक है। “सावित्री की तरह हम भी अपने पतियों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं और यही हमारी संस्कृति की ताकत है,” एक व्रती महिला ने कहा।
वट सावित्री व्रत की यह परंपरा सदियों से भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही है और हर वर्ष यह पर्व महिलाओं के सामूहिक आस्था और विश्वास का अद्भुत उदाहरण बन जाता है।