अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव को समाप्त करने में उनकी अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच “व्यापार” के जरिये संघर्ष को शांत कराया।
बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा, “हम भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ बड़ा व्यापारिक सौदा कर रहे थे। मैंने दोनों से कहा—आप लोग आखिर कर क्या रहे हो?” ट्रंप ने आगे कहा कि स्थिति काफी नाजुक हो चुकी थी और कोई “आखिरी गोली” चलाने वाला था, लेकिन अमेरिका की मध्यस्थता से हालात संभाले गए।
उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके “अच्छे मित्र” हैं और पाकिस्तान के कई नेताओं से भी उनके अच्छे संबंध हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बढ़ा था तनाव
गौरतलब है कि भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने इसे विफल कर दिया।
इसके बाद, 10 मई को दोनों देशों ने सैन्य टकराव को खत्म करने पर सहमति जताई। वहीं, अमेरिका की ओर से अब लगातार यह दावा किया जा रहा है कि इस पूरे तनाव को कम करने में वॉशिंगटन ने कूटनीतिक हस्तक्षेप किया।
पहले भी कर चुके हैं मध्यस्थता का दावा
यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप ने भारत-पाक संबंधों में मध्यस्थता का दावा किया है। अपने कार्यकाल के दौरान भी वह कई बार कह चुके हैं कि अगर दोनों देश चाहें तो अमेरिका मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार है, हालांकि भारत ने हमेशा इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा है कि कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे द्विपक्षीय हैं।