West Bengal Violence: मुर्शिदाबाद से सैकड़ों लोग भागे, मालदा में ली शरण
West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून (Waqf Bill) के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा ने बड़ा रूप ले लिया है। हालात इतने बिगड़ गए कि सैकड़ों लोग अपने घर-बार छोड़कर जान बचाने के लिए पास के मालदा जिले में भाग गए। इन लोगों ने भागीरथी नदी पार करके अस्थायी शिविरों में शरण ली है।
Highlights:
हिंसा की शुरुआत मुर्शिदाबाद के सूती, धूलियन, जंगीपुर और समसेरगंज जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में हुई, जहां वक्फ कानून के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शनों ने सांप्रदायिक तनाव का रूप ले लिया। इस हिंसा के डर से विशेषकर हिंदू समुदाय के लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए।
पीड़ितों की दर्दभरी दास्तान
धूलियन के मंदिरपाड़ा इलाके से आई एक पीड़िता ने बताया, “हमारे घरों को आग लगा दी गई। कुछ बाहरी और स्थानीय लोगों ने मिलकर महिलाओं और लड़कियों के साथ बदसलूकी की, पुरुषों को पीटा गया। हमें जान से मारने की धमकी दी गई, जिसके बाद हमने केंद्रीय बलों की मदद से सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का फैसला लिया।”
एक बुजुर्ग महिला ने रोते हुए कहा, “हमने हमलावरों से हाथ जोड़कर माफी मांगी। हमने कोई गलती नहीं की थी, लेकिन वे हथियारों से लैस होकर आए और हमारे घरों में घुसकर हमला किया। हम जैसे-तैसे कुछ जरूरी सामान लेकर भाग निकले, वरना मारे जाते।”
नावों से पार की भागीरथी नदी
लगभग 400 लोगों ने भागीरथी नदी पार करके मालदा जिले के बैष्णवनगर क्षेत्र में शरण ली है। इन लोगों को नावों की मदद से नदी पार कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। उन्हें लालपुर हाई स्कूल और पल्लरपुर गांव के अस्थायी शिविरों में रखा गया है।
मालदा प्रशासन ने किया राहत का इंतजाम
मालदा प्रशासन ने इन विस्थापितों के लिए स्कूलों में ठहरने, भोजन-पानी और प्राथमिक चिकित्सा जैसी सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की है। साथ ही नदी किनारे 20 स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है जो नावों से आने वाले लोगों की मदद कर रहे हैं।
कालीचक-3 के बीडीओ सुकांत सिकदर ने कहा, “शनिवार दोपहर तक लोग धीरे-धीरे आ रहे थे, लेकिन शाम होते-होते संख्या में भारी वृद्धि हुई। प्रशासन लगातार मदद के प्रयास में लगा है।”
टीएमसी विधायक चंदना सरकार ने भी पुष्टि की कि प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर पीड़ितों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।
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विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “तृणमूल कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति ने कट्टरपंथी ताकतों को बढ़ावा दिया है।” उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि इन पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन्हें उनके घरों में सुरक्षित लौटने की व्यवस्था की जाए।
स्वयंसेवी संगठन भी आए आगे
एक स्थानीय एनजीओ के सदस्य ने बताया कि अब तक 40 से 50 नावों में लोग मुर्शिदाबाद के धूलियन, सूती और जंगीपुर इलाकों से पलायन कर चुके हैं। इन सभी को पल्लरपुर गांव में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जहां वे पूरी तरह सुरक्षित हैं।