पटना : जैसे-जैसे बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सूबे की राजनीति गरमा गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दो दिवसीय बिहार दौरे के बाद अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बड़ा राजनीतिक हमला बोला है। आरजेडी का कहना है कि पीएम मोदी ने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया, जो इस बात का संकेत है कि बीजेपी का भरोसा नीतीश पर कम हो गया है।
RJD के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “प्रधानमंत्री के दौरे से जेडीयू को बहुत उम्मीदें थीं। लेकिन न तो रोड शो में नीतीश कुमार मौजूद थे और न ही बीजेपी दफ्तर में हुई बैठक में उनका नाम लिया गया। यहां तक कि बिक्रमगंज की जनसभा में भी प्रधानमंत्री ने उन्हें सीएम पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया। इससे साफ है कि बीजेपी नीतीश को किनारे करना चाहती है।”
राजद का दावा: नीतीश को हटाकर बीजेपी बनाएगी अपना मुख्यमंत्री
RJD ने दावा किया कि बीजेपी नीतीश कुमार के चेहरे पर वोट तो मांगेगी, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें किनारे करके अपने नेता को मुख्यमंत्री बना देगी। पार्टी ने कहा कि यह जदयू के लिए बड़ा झटका है और राज्य की जनता इसे बखूबी समझ चुकी है।
राजद प्रवक्ता ने कहा, “बीजेपी का मकसद नीतीश कुमार की पार्टी को खत्म करना है। लेकिन इस बार जनता एनडीए को सत्ता में नहीं आने देगी। अब तेजस्वी यादव की सरकार बनेगी।”
जेडीयू का पलटवार: 2025 से 2030 तक फिर से नीतीश
आरजेडी के आरोपों पर जेडीयू ने कड़ा पलटवार किया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “2025 से 2030 तक, एक बार फिर से नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे। वो जिधर देखेंगे, सत्ता उधर ही जाएगी।”
नीरज कुमार ने कांग्रेस और राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि “राहुल गांधी पांच बार बिहार आए लेकिन तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया। इससे ज्यादा दोगलापन क्या होगा?”
पिछली घोषणाओं पर भी उठे सवाल
गौरतलब है कि मार्च 2025 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार दौरे पर कहा था कि एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा। लेकिन पीएम मोदी ने अब तक इस बात की पुष्टि नहीं की है। इसी चुप्पी पर आरजेडी ने सवाल खड़ा किया है और इसे जदयू के लिए “राजनीतिक चेतावनी” बताया है।
राजनीति तेज, सस्पेंस बरकरार
पीएम मोदी के बिहार दौरे के बाद राज्य की राजनीति में सस्पेंस और बढ़ गया है। आरजेडी ने जहां इसे नीतीश कुमार की अनदेखी बताया है, वहीं जदयू अभी भी मोदी और शाह दोनों के बयान के बीच संतुलन बनाकर चल रही है। हालांकि इस सियासी उलझन के बीच आरजेडी पूरी ताकत से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है।
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