Breaking News: रांची से बड़ी खबर सामने आई है- झारखंड हाईकोर्ट ने जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े एक ऐतिहासिक मामले में भू-अधिकार प्रमाण पत्र (LPC) की अनिवार्यता को अवैध करार दिया है। न्यायमूर्ति दीपक रोशन की अदालत ने राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के 2016 के दो आदेशों को निरस्त करते हुए कहा कि अब किसी भी रजिस्ट्री के लिए एलपीसी की मांग नहीं की जा सकती।
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Breaking News: अदालत ने एलपीसी समिति को भी अवैध और अधिकारविहीन करार दिया
अदालत ने कहा कि यह आदेश पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 22A पर आधारित थे, जिसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही असंवैधानिक घोषित कर चुका है। इसी आधार पर अदालत ने एलपीसी समिति को भी अवैध और अधिकारविहीन करार दिया।
इस फैसले से झारखंड के लाखों लोगों को बड़ी राहत मिली है। अब रैयतों को एलपीसी के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, जिससे भ्रष्टाचार और देरी पर लगाम लगेगी। भूमि विशेषज्ञों के अनुसार, यह आदेश झारखंड की भूमि व्यवस्था को पारदर्शी, जनहितकारी और भ्रष्टाचारमुक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।












