Patna: बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड (Constable Recruitment Paper Leak Case) में पूर्व डीजीपी और केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के तत्कालीन अध्यक्ष एस.के. सिंघल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच में उनके खिलाफ कई अहम साक्ष्य सामने आए हैं, जिसके आधार पर जल्द ही उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जा सकता है। सूत्रों की मानें तो एस.के. सिंघल से कोलकाता दौरे और कथित सेटिंग को लेकर सवाल पूछे जा सकते हैं।
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Constable Recruitment Paper Leak Case: मामले में 75 एफआईआर दर्ज, 150 से अधिक आरोपी गिरफ्तार
2023 में जब सिपाही भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी, उस समय सिंघल पर्षद के अध्यक्ष पद पर थे। इसी दौरान पेपर लीक का बड़ा मामला सामने आया, जिसमें राज्यभर से करीब 75 एफआईआर दर्ज हुईं और 150 से अधिक आरोपी गिरफ्तार किए गए। जांच के दौरान एक आरोपी ने सिंघल का नाम लेते हुए प्रिंटिंग प्रेस से सेटिंग और कोलकाता यात्रा का खुलासा किया। ईओयू को सिंघल के कोलकाता दौरे के प्रमाण भी मिले हैं।
ईओयू की प्रारंभिक जांच में सिंघल को परीक्षा प्रक्रिया में लापरवाही और नियमों की अनदेखी का दोषी पाया गया। इसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था। हालांकि, सिंघल ने अब तक जांच एजेंसी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से हाजिर नहीं होकर सिर्फ लिखित जवाब भेजे हैं। ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने स्पष्ट किया कि मामले की जांच अभी जारी है और किसी को भी क्लीनचिट नहीं दी गई है। पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर सभी दोषियों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
Constable Recruitment Paper Leak Case:2 1391 पदों के लिए निकली बहाली
बता दें, 21391 पदों के लिए निकली इस बहाली परीक्षा में 37 लाख आवेदन आए थे, जिनमें से 18 लाख फॉर्म स्वीकृत हुए थे। परीक्षा की तैयारी के सभी सेट लीक हो जाने से पूरे राज्य में शिक्षा व्यवस्था और प्रशासन की साख पर गंभीर सवाल खड़े हो गए थे। जिसके बाद मामले में तत्कालीन अध्यक्ष एस.के. सिंघल की भूमिक पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।












