Ranchi: झारखंड (Jharkhand) में जुलाई माह में पहली बार 10 से अधिक नदियों के उफान पर आने से हालात गंभीर हो गए हैं। राज्य के 315 गांव बाढ़ के डूब क्षेत्र में आ गए हैं, जहां लोगों को सतर्क किया गया है। चांडिल जलाशय क्षेत्र के 116 डूब क्षेत्र गांवों में से 19 गांव के लोगों को ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट करने की सलाह दी गई है।
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भारतीय मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। रांची, देवघर, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, हजारीबाग, गुमला, रामगढ़, खूंटी सहित 20 से अधिक जिले चपेट में हैं।
Jharkhand: जल संसाधन विभाग ने कई नदियों की निगरानी बढ़ाई
राज्य के जल संसाधन विभाग ने दामोदर, स्वर्णरेखा, उत्तरी कोयल, शंख, अजय जैसी प्रमुख नदियों के जलस्तर की निगरानी बढ़ा दी है। राजधानी रांची की स्वर्णरेखा, हरमू और पोटपोटो नदियों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
जिलावार स्थिति भी चिंताजनक है। लातेहार में छिपादोहार का बड़ा तालाब बांध टूट गया, जिससे निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। रामगढ़ में रजरप्पा मंदिर के पास दामोदर नदी उफान पर है, जिससे छिलका पुल पर पानी बह रहा है। सिमडेगा में कच्चे मकान ढहने और पशुओं के चारे की कमी से लोग परेशान हैं। खूंटी में बनई नदी पर अस्थायी डायवर्सन बह जाने से स्कूली बच्चों और यात्रियों को परेशानी हो रही है।
प्रशासन ने राहत-बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय हैं और लोगों से नदियों से दूर रहने व प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।












