Ranchi: झारखंड में लंबे समय से शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) आयोजित न होने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस आनंद सेन की अदालत में स्कूली शिक्षा सचिव उमा शंकर सिंह व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। अदालत ने सीधे सवाल करते हुए पूछा कि आखिर नौ साल से यह परीक्षा क्यों नहीं कराई गई, जबकि यह शिक्षक नियुक्ति के लिए अनिवार्य है।
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सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि JTET आयोजित करने के लिए नई नियमावली तैयार की जा रही है। इसके लिए जनता से सुझाव लिए गए हैं और अब उसे अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
JTET परीक्षा होने तक सभी नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक
अदालत ने स्पष्ट आदेश दिया कि राज्य सरकार 31 मार्च 2026 तक JTET का आयोजन अनिवार्य रूप से कराए। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि जब तक परीक्षा नहीं होती, तब तक सहायक आचार्य (Assistant Teachers) की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक रहेगी। इस मामले में हरिकेश महतो सहित लगभग 400 अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की है। उनका कहना है कि JTET न होने की वजह से वे सालों से शिक्षक बनने के अवसर से वंचित रह गए हैं।












