Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोती इलाके में गुरुवार को मचैल माता यात्रा के दौरान भीषण प्राकृतिक आपदा ने कोहराम मचा दिया। यात्रा मार्ग पर बादल फटने की इस घटना में अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें CISF के दो जवान भी शामिल हैं। वहीं 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं और कई अन्य लापता बताए जा रहे हैं।
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हादसे की खबर मिलते ही NDRF, SDRF और सेना की टीमें मौके पर पहुंचीं और बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। अब तक करीब 50 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। किश्तवाड़ पुलिस और जिला प्रशासन ने पूरे इलाके को हाई अलर्ट पर रखा है और सभी सब-डिवीजनों में कंट्रोल रूम और हेल्प डेस्क सक्रिय कर दिए गए हैं।
Kishtwar Cloudburst: पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पीड़ितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है और केंद्र सरकार हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए है। नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने इस हादसे को जलवायु परिवर्तन से जोड़ते हुए कहा कि “ग्लोबल वॉर्मिंग” के बढ़ते असर को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने केंद्र सरकार से पहाड़ी राज्यों के लिए विशेष रणनीति बनाने की अपील की है।
वहीं, उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से संपर्क कर राहत अभियान के लिए अधिक संसाधनों की मांग की है। घटना के बाद राहत कार्य जारी है, लेकिन मौसम और दुर्गम भूगोल रेस्क्यू में बाधा बना हुआ है।












