Ranchi: झारखंड आंदोलन के प्रणेता, आदिवासी समाज के स्तंभ और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सोमवार सुबह दिल्ली में निधन हो गया। उनके निधन से झारखंड समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। आदिवासी समाज के इस महान नेता की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए देशभर से लोग उमड़ पड़े हैं।
Highlights:
शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव नेमरा (जिला रामगढ़) लाया गया, जहां आज राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रशासन ने पूरे कार्यक्रम के लिए विशेष सुरक्षा और व्यवस्था के इंतजाम किए हैं। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ पारंपरिक रीति-रिवाजों से गुरुजी को अंतिम विदाई दी जाएगी।
शिबू सोरेन के अंतिम जुटेंगे लाखो की संख्या समर्थक
नेमरा गांव में सुबह से ही हजारों की संख्या में लोग जुटने लगे थे। हर गली और चौराहे पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। जनसैलाब केवल एक नेता को अंतिम विदाई देने नहीं, बल्कि एक युग को श्रद्धांजलि देने आया है। राजनीतिक कार्यकर्ताओं, सामाजिक संगठनों और आम जनता के साथ-साथ दूर-दराज़ से आए आदिवासी समुदाय के लोग भी इस अंतिम यात्रा में शामिल हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई राज्यों के वरिष्ठ नेता भी अंतिम संस्कार में भाग लेंगे। दिशोम गुरु के निधन से झारखंड ने न सिर्फ एक राजनेता, बल्कि एक विचारधारा, एक आंदोलन और एक जननेता को खो दिया है। उनकी जगह कोई नहीं ले सकता। यह शोक केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक और ऐतिहासिक है।












