बिहार कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला: मंत्रियों की सैलरी और भत्तों में बढ़ोतरी, सरकारी कर्मचारियों को भी मिला लाभ
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कुल 27 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में सबसे अहम फैसला राज्य के मंत्रियों की सैलरी और भत्तों में बढ़ोतरी को लेकर रहा। इसके अलावा, सरकारी कर्मचारियों और आम जनता से जुड़े कई बड़े फैसले लिए गए, जो बिहार के प्रशासनिक और सामाजिक ढांचे पर असर डालेंगे।
Highlights:
कैबिनेट बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई, जिसमें कृषि, नगर विकास, मद्य निषेध, शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त, उद्योग सहित कुल 14 विभागों से संबंधित 27 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई।
मंत्रियों की बल्ले-बल्ले: वेतन और भत्तों में भारी बढ़ोतरी
राज्य सरकार ने मंत्रियों के दैनिक भत्ते को बढ़ाकर 3500 रुपये, क्षेत्रीय भत्ते को 70,000 रुपये और आतिथ्य भत्ते को 29,500 रुपये कर दिया है। वहीं, मासिक वेतन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 65,000 रुपये किया गया है। इस फैसले के बाद मंत्रियों को कुल पैकेज में उल्लेखनीय बढ़ोतरी मिलेगी, जिससे उनके कार्य संचालन और क्षेत्रीय यात्राओं में सहूलियत मिलेगी।
यह कदम बिहार मंत्रि (वेतन एवं भत्ते) नियमावली-2006 में संशोधन के तहत उठाया गया है। सरकार का कहना है कि यह बढ़ोतरी मौजूदा समय में आर्थिक आवश्यकताओं और मंत्रियों के कार्यभार को ध्यान में रखते हुए की गई है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए भी खुशखबरी
बिहार सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के हित में भी कई अहम निर्णय लिए हैं। स्वास्थ्य विभाग में 20,016 नए पदों को मंजूरी दी गई है, जिससे लोक स्वास्थ्य और अस्पताल प्रबंधन को बल मिलेगा। साथ ही, बिहार कर्मचारी चयन आयोग में डाटा एंट्री ऑपरेटर और कार्यालय परिचारी के नए पदों को स्वीकृति दी गई है।
इसके अतिरिक्त, राज्य के 927 राजस्व न्यायालयों का आधुनिकीकरण किया जाएगा, जिनमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होगी। यह न्याय प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाएगा।
शिक्षा और नगरीय विकास पर विशेष जोर
शिक्षा विभाग के तहत 628 अनुदान प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को संबद्धता लेने के लिए एक साल का अतिरिक्त समय देने का निर्णय हुआ है। साथ ही, बिहार शिक्षा प्रशासन संवर्ग नियमावली 2025 बनाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है, जो शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा।
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नगरीय विकास के तहत बक्सर में 156 करोड़ की जलापूर्ति योजना और मोतिहारी में 399 करोड़ की सीवरेज परियोजना को हरी झंडी दी गई है। यह शहरी बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
- प्रदेश के 6 जिलों में टेस्टिंग लैब खोलने की मंजूरी
- नवादा में केवी ग्रिड उपकेंद्र के लिए 5.64 करोड़ की स्वीकृति
- गया प्रेस के पुराने उपकरणों की नीलामी की अनुमति
- उर्दू अनुवादक के 1653 और सहायक उर्दू अनुवादक के 3306 पदों पर बहाली का फैसला
- AYUSH अस्पताल और ESIC अस्पताल निर्माण के लिए फंड की स्वीकृति
आर्थिक मजबूती की ओर कदम
राज्य सरकार ने आपात स्थिति फंड को अस्थायी रूप से 10,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। यह भविष्य की आपातकालीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सुरक्षित कदम माना जा रहा है।