Bihar Politics News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले शराबबंदी का मुद्दा एक बार फिर सत्तारूढ़ एनडीए में विवाद का कारण बन गया है। केंद्र सरकार में मंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने गुरुवार को नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव से पहले शराब पीने के छोटे-छोटे मामलों को खत्म कर देना चाहिए। मांझी का कहना है कि थोड़ी-थोड़ी मात्रा में शराब पीना कोई अपराध नहीं है।
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मांझी ने कहा कि शराबबंदी का मकसद समाज को नशे से बचाना था, लेकिन इसका सबसे ज्यादा खामियाजा गरीब और आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस खानापूर्ति के लिए मामूली मात्रा में शराब रखने या पीने वालों को पकड़कर जेल भेज रही है, जबकि बड़े शराब माफिया और तस्कर खुलेआम कारोबार कर रहे हैं।
Bihar Politics News: पुलिस बड़े तस्करों को छोड़कर निर्दोष या छोटे उपभोक्ताओं को जेल में डाल रही है
मांझी ने नीतीश कुमार की पिछली समीक्षा बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि खुद मुख्यमंत्री ने कहा था कि थोड़ी मात्रा में शराब ले जाने पर किसी को नहीं पकड़ा जाए। सरकार को इस बात पर अमल करते हुए चुनाव से पहले ऐसे मामलों में दर्ज केस खत्म करने चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस बड़े तस्करों को छोड़कर निर्दोष या छोटे उपभोक्ताओं को जेल में डाल रही है, जो अन्यायपूर्ण है। चुनाव नजदीक होने के कारण मांझी का यह बयान एनडीए के भीतर शराबबंदी पर बढ़ती असहमति और राजनीतिक रणनीति की ओर इशारा करता है।












