Ranchi: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की ओर से सहायक आचार्य (मैथ-साइंस) के पदों पर चल रही नियुक्ति प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इसको लेकर छात्रों ने आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सोमवार को बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने नामकुम स्थित आयोग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की।
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JSSC बिना कोई ठोस कारण बताए 1173 योग्य अभ्यर्थियों का परिणाम रोक दिया
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग ने बिना कोई ठोस कारण बताए 1173 योग्य अभ्यर्थियों का परिणाम रोक दिया है। अभ्यर्थियों के अनुसार, कुल 5008 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया जारी की गई थी, जिसमें 2784 अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया था। लेकिन हाल ही में जारी परिणाम में केवल 1661 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए, जबकि बाकी 1173 अभ्यर्थियों को सूची से बाहर कर दिया गया।
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JSSC आधे से अधिक योग्य अभ्यर्थियों का परिणाम रोक दिया गया है
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आयोग ने स्वयं झारखंड हाईकोर्ट में यह जानकारी दी थी कि 2784 अभ्यर्थी परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। इसके बावजूद अब 3347 पद खाली छोड़ दिए गए हैं और आधे से अधिक योग्य अभ्यर्थियों का परिणाम रोक दिया गया है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग इस पूरे मामले में पारदर्शिता से बच रहा है। आयोग परिणाम रोकने के पीछे कोई स्पष्ट वजह भी नहीं बता रहा है जिसके कारण चयन प्रक्रिया पर संदेह गहराता जा रहा है।
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प्रदर्शनकारियों ने निष्पक्ष जांच और शेष अभ्यर्थियों का परिणाम शीघ्र जारी करने की मांग की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी हलकों में भी चर्चा का विषय बनता जा रहा है।












