Saraikela: खरसांवा से झामुमो विधायक दशरथ गागराई एक बड़े विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। उन पर पहचान छुपाने और चुनाव के समय गलत जानकारी के साथ शपथ पत्र दाखिल करने का गंभीर आरोप लगा है। इस मामले में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त को जांच का निर्देश दिया है।
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दशरथ गागराई के शैक्षणिक और अन्य प्रमाणपत्र भी संदिग्ध-आरोपी
शिकायत भूतपूर्व सैनिक लालजी राम तियु ने दर्ज कराई है। उनका कहना है कि दशरथ गागराई वास्तव में सीआरपीएफ के डीआईजी कार्यालय में कार्यरत एक सब-इंस्पेक्टर हैं। तियु ने आरोप लगाया कि विधायक के शैक्षणिक और अन्य प्रमाणपत्र भी संदिग्ध हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि वर्ष 1992 में गागराई के बड़े भाई रामकृष्ण गागराई को सीआरपीएफ में सिपाही की नौकरी मिली थी, जिससे इन दस्तावेजों की सच्चाई पर सवाल उठते हैं।
दशरथ गागराई ने सभी आरोपों को सिरे से किया खारिज
दशरथ गागराई ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि यह शिकायत पूरी तरह झूठी और राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने शिकायतकर्ता पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि वह खुद कई मामलों में सजा पा चुका है और फिलहाल जमानत पर बाहर है। मामले की जांच शुरू होते ही झारखंड की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि अब विधायक के दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी।












