Patna: बिहार में मतदाता सूची को अद्यतन और पारदर्शी बनाने की दिशा में चुनाव आयोग को बड़ी सफलता मिली है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान के पहले चरण के अंतर्गत अब राज्य में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या घटकर 7.24 करोड़ रह गई है। पहले यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था, लेकिन व्यापक सत्यापन के बाद 65 लाख नामों को सूची से हटाया गया है।
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SIR : 22 लाख मृतक, 36 लाख विस्थापित और 7 लाख वे मतदाता शामिल
हटाए गए नामों में 22 लाख मृतक, 36 लाख विस्थापित और 7 लाख वे मतदाता शामिल हैं जो अब स्थायी रूप से दूसरे स्थानों पर निवास कर रहे हैं। इस व्यापक अभियान की शुरुआत 24 जून 2025 को हुई थी, जिसमें 99.8% मतदाताओं तक पहुंचने में सफलता मिली। अभियान की सफलता का श्रेय बूथ स्तर पर काम कर रहे 77,895 BLO, 2,976 AERO, 243 ERO, सभी जिलों के डीएम और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दिया गया है। इसके अलावा 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के 1.60 लाख बीएलए (BLA) ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई, जिनकी संख्या में 16% की वृद्धि दर्ज की गई।
चुनाव आयोग के अनुसार, यह कदम मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने और फर्जी या दोहरे नामों को हटाने की दिशा में एक बड़ा सुधार है। अब SIR के अगले चरण में, 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक, वे पात्र मतदाता जिनका नाम छूट गया है, ड्राफ्ट सूची में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। चुनाव आयोग अब बिहार के इस मॉडल को पूरे देश में लागू करने की योजना पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है।












