Patna: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। बुधवार को महागठबंधन द्वारा बुलाए गए बिहार बंद (Bihar Band) के दौरान सियासी मंच से जो तस्वीरें सामने आईं, उसने विपक्षी एकता के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिहार बंद के नेतृत्व के लिए खुद कांग्रेस नेता राहुल गांधी पटना पहुंचे, लेकिन उनकी मौजूदगी में ही महागठबंधन की अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आ गई।
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दरअसल, जिस पप्पू यादव ने हाल ही में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया और सबसे पहले वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के खिलाफ आंदोलन की बात उठाई, उन्हें ही राहुल गांधी के रथ पर चढ़ने से रोक दिया गया। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें मंच के पास जाने से रोका और जब उन्होंने जोर दिया तो धक्का देकर उन्हें पीछे हटा दिया गया। यही नहीं, कांग्रेस के तेजतर्रार युवा नेता कन्हैया कुमार को भी रथ पर चढ़ने नहीं दिया गया। दोनों नेताओं को भीड़ में धक्कामुक्की झेलनी पड़ी और वे हाथ में कांग्रेस का झंडा लिए हाशिए पर दिखे।
Bihar Band: महागठबंधन की कथित एकता को लेकर खड़े हो रहे कई सवाल
इस घटना ने महागठबंधन की कथित एकता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस आंदोलन की नींव पप्पू यादव ने रखी थी, उसी में उन्हें अपमानित होना पड़ा। सूत्रों की मानें तो इस पूरे घटनाक्रम से पप्पू यादव बेहद नाराज हैं और उन्होंने अंदरखाने अपनी नाराज़गी जताई भी है।
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बिहार बंद का आयोजन चुनाव आयोग के विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य के विरोध में किया गया था। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर वोटर लिस्ट से गरीब, दलित और अल्पसंख्यकों के नाम हटाने की साजिश रच रही है। इसे लेकर सबसे पहले पप्पू यादव ने आंदोलन की बात की थी, जिसे बाद में कांग्रेस और राजद ने ‘महागठबंधन बंद’ के रूप में अपना लिया। राहुल गांधी की पटना यात्रा भी इस दौरान संक्षिप्त रही। वे महज दो घंटे में पटना से लौट गए, जिससे यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या यह आंदोलन महज राजनीतिक औपचारिकता भर था।