Jharkhand Liquar Scam: झारखंड में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के पूर्व प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी की गिरफ्तारी प्रक्रिया तेज कर दी है। एसीबी ने रांची स्थित विशेष अदालत से त्रिपाठी का एरेस्ट प्रोडक्शन (AP) वारंट जारी करने की अनुमति मांगी है।
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Jharkhand Liquar Scam: झारखंड में अवैध शराब आपूर्ति और वितरण का ठेका दिया गया
त्रिपाठी पर गंभीर आरोप है कि उन्होंने झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे के साथ मिलकर राज्य में नई उत्पाद नीति लागू कराई। इस नीति के माध्यम से छत्तीसगढ़ के कुछ जालसाजों और ठेकेदारों को झारखंड में अवैध शराब आपूर्ति और वितरण का ठेका दिया गया। एसीबी की जांच में यह भी सामने आया है कि इस घोटाले में राज्य के कई उच्च अधिकारियों को करोड़ों रुपए का कमीशन पहुंचाया गया।
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Jharkhand Liquar Scam: बाहरी एजेंसियों को मैनपावर सप्लाई का ठेका मनमाने ढंग से दिया गया
इसके अलावा, चार बाहरी एजेंसियों को मैनपावर सप्लाई का ठेका भी मनमाने ढंग से दिया गया, जिससे राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। त्रिपाठी की भूमिका पूरे घोटाले में केंद्रीय रही है, और ACB का मानना है कि उनकी न्यायिक हिरासत में पूछताछ बेहद जरूरी है। शराब घोटाले ने झारखंड की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। एसीबी की ओर से आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभावित हैं, जिससे इस बहुचर्चित घोटाले की परतें और खुलने की उम्मीद है।












