Patna News: बिहार की राजधानी पटना इन दिनों क्राइम और पोस्टर पॉलिटिक्स दोनों की गर्माहट से तप रही है। शहर की दीवारों पर अचानक से एक पोस्टर ने सबका ध्यान खींचा है, जिसमें लिखा है – “बिहार में गुंडाराज वापस लौट आया है?”
Highlights:
Jharkhand Weather Alert: झारखंड में भारी बारिश का हाई अलर्ट: कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी
इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की तस्वीरें हैं – लेकिन ये तस्वीरें किसी सम्मान समारोह की नहीं, बल्कि सवालों के घेरे में लटकी हुई नजर आ रही हैं। उनके चारों ओर 8 उन लोगों की तस्वीरें लगाई गई हैं जिनकी हाल ही में हत्या हुई है और यही पोस्टर लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहा है।
पोस्टर ने दिखाई ‘हत्या-लाइन’, जनता ने पूछा ‘कौन है जिम्मेदार?’
Patna News: पोस्टर में साफ-साफ नाम और तारीखें दर्ज हैं
8 जुलाई: पटना में व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या
10 जुलाई: मुजफ्फरपुर में मक्का कारोबारी दीपक शाह की हत्या
11 जुलाई: नालंदा में PMCH की नर्स की गला रेतकर हत्या
13 जुलाई: पटना के तृष्णा मार्ट के मालिक विक्रम झा की गोली मारकर हत्या
13 जुलाई: छपरा में शिक्षक संतोष राय को सरेआम गोली
13 जुलाई: पटना के बालू कारोबारी रमाकांत यादव, कारोबारी पुट्टू खान और वकील जितेंद्र मेहता की भी हत्या
सवालों में घिरी सत्ता: क्राइम कंट्रोल या पोस्टर कंट्रोल?
इस पोस्टर के जरिए सरकार पर कानून-व्यवस्था फेल होने का आरोप लगाया गया है। सवाल यह है कि जब एक के बाद एक हत्याएं हो रही हैं तो पुलिस और प्रशासन किसका इंतजार कर रहा है।
Bihar Politics: “अगर JDU 25 से ज़्यादा सीट लाए तो राजनीति छोड़ दूंगा!”-PK का बड़ा ऐलान
पटना की गलियों में अब चर्चा है कि क्या सरकार अपराधियों पर काबू नहीं पा रही, या जनता अब खुद सवाल पूछने के लिए दीवारों का सहारा लेने लगी है?
Patna News: राजनीतिक तूफान का ट्रेलर?
इस पोस्टर के सामने आने के बाद सियासी गलियारों में खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि यह किसी राजनीतिक दल की रणनीति भी हो सकती है या जनता का असली गुस्सा भी। लेकिन एक बात तय है – बिहार में अब “गुंडाराज” सिर्फ नारे में नहीं, पोस्टर में भी दिख रहा है।
द प्राइड ऑफ़ ट्राइब: रांची की बेटी कांति गाड़ी बनी ग्लोबल आदिवासी मंच की शान
बिहार की सड़कें अब खून और होर्डिंग दोनों से रंगी जा रही हैं। अब देखना यह है कि सरकार इस पोस्टर को सिर्फ “दीवार की हरकत” समझकर छोड़ती है, या इससे सबक लेकर सड़कों पर सख्ती भी दिखाती है। क्योंकि सवाल सीधा है – “क्या वाकई बिहार में फिर लौट आया है गुंडाराज?”