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Ranchi: झारखंड के शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन का 15 अगस्त की देर रात निधन हो गया। 62 वर्षीय सोरेन पिछले कई दिनों से दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने रात 10:46 बजे अंतिम सांस ली। यह दुखद जानकारी उनके पुत्र सुमेश सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की।
रामदास सोरेन के निधन से झारखंड की राजनीति को गहरा झटका लगा है। वे न केवल एक अनुभवी राजनेता थे, बल्कि राज्य के शिक्षा तंत्र को सुधारने की दिशा में लगातार सक्रिय रहे। उनका जाना झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है।
Ramdas Soren Death: बाथरूम में फिसलकर हो गए थे घायल
2 अगस्त को जमशेदपुर स्थित आवास पर सुबह की सैर के बाद वे बाथरूम में फिसलकर गिर पड़े थे। इस हादसे में उनके सिर में गंभीर चोट आई और दिमाग में ब्लड क्लॉट बन गया। प्रारंभिक इलाज टाटा मेन हॉस्पिटल में हुआ, लेकिन हालत गंभीर होने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया।
डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा था और 9 अगस्त को ब्रेन सर्जरी की योजना थी, लेकिन स्वास्थ्य की नाजुक स्थिति और पुरानी बीमारियों के कारण सर्जरी टाल दी गई। कुछ दिनों तक उनकी हालत में सुधार की उम्मीदें बनी रहीं, मगर 15 अगस्त को उन्हें अचानक ब्रेन स्ट्रोक हुआ। तमाम प्रयासों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।
रामदास सोरेन का निधन झारखंड के लिए एक युग का अंत है। राज्य सरकार ने उनके सम्मान में राजकीय शोक की घोषणा की है।












