Big Breaking: धनबाद की एक बड़ी खबर सामने आई है। पूर्व विधायक संजीव सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया है। अदालत ने सबूतों के अभाव में यह फैसला सुनाया। संजीव सिंह पिछले 8 सालों से जेल में बंद थे। उन पर अपने ही चचेरे भाई और कांग्रेस नेता व धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या का आरोप था। हाल ही में 8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दी थी।
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Big Breaking: 21 मार्च 2017 को हुई थी नीरज सिंह की हत्या
यह मामला 21 मार्च 2017 का है। उस दिन नीरज सिंह अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी से घर लौट रहे थे। जैसे ही उनकी गाड़ी स्टील गेट इलाके में एक स्पीड ब्रेकर पर धीमी हुई, अपराधियों ने चारों तरफ से घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। इस हमले में नीरज सिंह के साथ उनके निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी, ड्राइवर घलटू और करीबी समर्थक अशोक यादव की भी मौके पर मौत हो गई थी।
Big Breaking: 8 सालो से जेल में थे बंद
नीरज सिंह और संजीव सिंह के बीच पुराना विवाद था। दोनों परिवारों में राजनीतिक वर्चस्व और कोयला कारोबार को लेकर तनाव लंबे समय से चल रहा था। इसी विवाद को इस हत्याकांड की वजह माना गया। हत्या के बाद से ही संजीव सिंह मुख्य आरोपी बनाए गए थे और वे जेल में बंद थे।
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आज कोर्ट ने सभी पहलुओं की सुनवाई के बाद सबूतों की कमी को देखते हुए संजीव सिंह को बरी कर दिया। इस फैसले के बाद धनबाद की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है।












