Patna: बिहार सरकार शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने और उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की बहाली सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम उठा रही है। राज्य के विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों (Assistant Professors) की नियुक्ति प्रक्रिया में अब महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं।
लिखित परीक्षा होगी मुख्य आधार
शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किए गए नए नियम के तहत अब असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति मुख्य रूप से लिखित परीक्षा के आधार पर होगी। इस परीक्षा को 80 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा, जबकि साक्षात्कार और अनुभव को क्रमशः 10-10 प्रतिशत अंक मिलेंगे। यह बदलाव नियुक्ति प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के उद्देश्य से लाया गया है।
अगस्त तक होंगे 2500 से अधिक पदों पर नियुक्ति
विभाग ने अगस्त 2025 तक राज्य के विश्वविद्यालयों में 2500 से अधिक पदों पर नियुक्ति का लक्ष्य तय किया है। वर्तमान प्रणाली में साक्षात्कार और शैक्षणिक योग्यता ही प्रमुख आधार थे, लेकिन अब योग्य उम्मीदवारों को प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से चयनित किया जाएगा, जिससे प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को समान अवसर मिलेगा।
राजभवन से मंजूरी के बाद लागू होगी नई व्यवस्था
नया परिनियम राजभवन को स्वीकृति हेतु भेजा गया है। जैसे ही राज्यपाल की मंजूरी प्राप्त होगी, यह नई नियमावली लागू कर दी जाएगी। इसके बाद रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है।
आरक्षण रोस्टर का होगा पालन
शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों से आरक्षण रोस्टर के अनुसार रिक्त पदों की सूची मंगवाई है। नियुक्ति प्रक्रिया कोटिवार आरक्षण के तहत की जाएगी और सभी रिक्तियां विधानसभा चुनाव से पहले प्रकाशित करने की तैयारी है।
पात्रता और आयु सीमा
इस प्रक्रिया में आवेदन के लिए यूजीसी नेट / पीएचडी / BET की पात्रता अनिवार्य होगी। उम्मीदवार की अधिकतम आयु 55 वर्ष निर्धारित की गई है। जिन उम्मीदवारों को पूर्व में शिक्षण अनुभव है, उन्हें प्रत्येक वर्ष के लिए दो अंक (अधिकतम 10 अंक) अतिरिक्त दिए जाएंगे।
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