Bihar Politics News: देश की राजनीति में इन दिनों संसद में पेश उस विधेयक को लेकर जोरदार बहस छिड़ी हुई है, जिसमें गंभीर आपराधिक मामलों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान किया गया है। इस पर जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने तीखा रुख अपनाया है।
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पूर्णिया में मीडिया से बात करते हुए किशोर ने कहा कि यह विधेयक समय की ज़रूरत है। उन्होंने कहा, “जब संविधान बना था, तब शायद हमारे संविधान निर्माताओं ने कल्पना नहीं की थी कि सत्ता में बैठे लोग इतने भ्रष्ट हो जाएंगे कि जेल जाना पड़ेगा। ऐसे में यह बिल एक ज़रूरी सुधार है।”
Bihar Politics News: आपराधिक नेता का सत्ता में बने रहना लोकतंत्र का मज़ाक है
प्रशांत किशोर ने कहा कि लोकतंत्र की आत्मा तभी जीवित रहती है जब जनता का प्रतिनिधि ईमानदार और स्वच्छ छवि वाला हो। अगर किसी नेता पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं और वह जेल जाता है, तो उसका सत्ता में बने रहना लोकतंत्र का मज़ाक है और यह शासन की विश्वसनीयता को भी ठेस पहुंचाता है।
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किशोर ने तंज कसते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब संसद को सख्त निर्णय लेने होंगे। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अगर यह विधेयक ईमानदारी से लागू किया गया, तो यह राजनीति को अपराध और भ्रष्टाचार से मुक्त करने की दिशा में क्रांतिकारी कदम हो सकता है।
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बिहार की राजनीति में सक्रिय किशोर पहले भी जन संवाद के दौरान नेताओं के आपराधिक इतिहास और भ्रष्टाचार को लेकर चिंता जता चुके हैं। उनका मानना है कि जब तक सत्ताधारी वर्ग भी आम नागरिकों की तरह कानून के दायरे में नहीं आएगा, तब तक लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता।












