Bihar Politics News: जनसुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में शुक्रवार को बड़ा धमाका करते हुए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि कोविड काल में जब राज्य की जनता दवा और इलाज के लिए संघर्ष कर रही थी, उस समय मंगल पांडेय दिल्ली में 86 लाख रुपये का फ्लैट खरीदने में व्यस्त थे। यह रकम भाजपा नेता और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से ली गई थी।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने दस्तावेज दिखाते हुए आरोप लगाया कि 6 अगस्त 2019 को दिलीप जायसवाल ने आरटीजीएस के जरिए 25 लाख रुपये मंगल पांडेय के पिता अवधेश पांडेय के खाते में भेजे। दस दिन बाद वही राशि उनकी पत्नी उर्मिला पांडेय के खाते में ट्रांसफर की गई, जिससे दिल्ली के द्वारका स्थित CGHS सेक्टर-6 में फ्लैट (नंबर 001) खरीदा गया। इस डील में खुद दिलीप जायसवाल गवाह बने।
Bihar Politics News: पैसा देते ही मेडिकल कॉलेज को मिली “डिम्ड यूनिवर्सिटी” की मान्यता
प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया कि अगर यह पैसा उधार था तो मंगल पांडेय ने इसे 2020 के विधानसभा चुनाव में दिए गए एफ़िडेविट में क्यों नहीं घोषित किया? उन्होंने कहा कि इस लेन-देन के बाद जायसवाल के किशनगंज स्थित मेडिकल कॉलेज को “डिम्ड यूनिवर्सिटी” की मान्यता भी मिल गई, जो पहले बीएन मंडल विश्वविद्यालय से संबद्ध था। पीके ने तंज कसते हुए कहा, “फ्लैट खरीदना अपराध नहीं, लेकिन पैसा कहां से आया ये बताना जरूरी है।” उनके इस खुलासे से बिहार की सियासत में हलचल मच गई है और अब सबकी निगाहें मंगल पांडेय और भाजपा के जवाब पर टिकी हैं।












