Highlights:
Patna: बिहार की राजनीति इन दिनों सीएजी की उस रिपोर्ट को लेकर उबाल पर है जिसमें 70,877 करोड़ रुपये की सरकारी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) अब तक लंबित पाया गया है। इस खुलासे ने सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच तीखा आरोप-प्रत्यारोप शुरू कर दिया है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले को ‘महाघोटाला’ करार देते हुए नीतीश कुमार की सरकार पर तीखा हमला बोला।
Jharkhand Weather Alert: 2 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी, तेज हवाओं का अलर्ट
Bihar Politics News: अवधिकाल में तेजस्वी खुद सीएम थे
उन्होंने कहा कि जनता के पैसों का हिसाब नहीं देना भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी मिसाल है और यह सरकार की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाता है। हालांकि, उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जिस अवधि की रिपोर्ट की बात हो रही है, उस दौरान तेजस्वी यादव खुद बिहार के डिप्टी सीएम थे और वित्त विभाग में उनकी जिम्मेदारी भी थी।
Bihar Politics News: तेजस्वी को खुद अपने शासन का हिसाब देना चाहिए
सम्राट ने साफ कहा कि “तेजस्वी को खुद अपने शासन का हिसाब देना चाहिए, दूसरों पर आरोप लगाने से पहले खुद के कामों का विश्लेषण करें।” उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है कि कुछ परियोजनाओं के यूसी में समय लगता है और इसे घोटाले की शक्ल देना राजनीतिक नौटंकी से ज्यादा कुछ नहीं। सम्राट ने वित्त विभाग की ओर से जारी स्पष्टीकरण का हवाला देते हुए कहा कि सभी खर्चों का लेखा-जोखा महालेखाकार को दिया जा रहा है और विपक्ष महज भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है।












