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Tuesday, October 14, 2025

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Jharkhand News: झारखंड के इन 5 जिलों में कल होगा सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल!

झारखंड के 5 जिलों और गोमिया विधानसभा क्षेत्र में भी होगा अभ्यास, 1971 के बाद देश की सबसे बड़ी नागरिक सुरक्षा ड्रिल

रांची: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने 7 मई को देशभर के 244 जिलों में एक व्यापक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना, उनकी प्रतिक्रिया का आकलन करना और देश की नागरिक सुरक्षा प्रणाली की मजबूती को परखना है। यह भारत में 1971 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल मानी जा रही है।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, मॉक ड्रिल का आयोजन 244 सूचीबद्ध सिविल डिफेंस जिलों में किया जाएगा। ड्रिल के दौरान रिहायशी इलाकों में ऐसे परिदृश्य बनाए जाएंगे जैसे युद्ध जैसी स्थिति हो—जैसे हवाई हमले, बम धमाके, या कीमती संसाधनों पर हमला। इन स्थितियों में नागरिकों को किस तरह से सुरक्षित रहना है, कहां छिपना है, कैसे भागना है या कैसे प्राथमिक उपचार देना है—इन सभी बातों की ट्रेनिंग दी जाएगी।

झारखंड के 5 जिलों और गोमिया में भी होगा मॉक ड्रिल

झारखंड में भी इस राष्ट्रव्यापी अभियान के अंतर्गत मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। रांची, बोकारो, पूर्वी सिंहभूम, गोड्डा, साहिबगंज और गोमिया विधानसभा क्षेत्र को इस अभ्यास के लिए चुना गया है। इन क्षेत्रों में पहले से प्रशिक्षित सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स स्थानीय नागरिकों को प्रशिक्षित करेंगे। विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों में आपदा प्रबंधन, लोगों की आवाजाही, घायलों की प्राथमिक चिकित्सा, और सुरक्षित स्थानों की जानकारी को लेकर मॉक सिचुएशन तैयार किए जाएंगे।

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राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर गृह मंत्रालय ने यह सुनिश्चित किया है कि ड्रिल को वास्तविक जैसी परिस्थिति में आयोजित किया जाए, ताकि किसी आपातकाल की स्थिति में नागरिकों और प्रशासन की तैयारी परखने का अवसर मिल सके।

युद्ध जैसे हालात में नागरिकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण

विशेषज्ञों का मानना है कि युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों की भूमिका केवल प्रशासनिक सहयोग तक सीमित नहीं होती, बल्कि समूह में अनुशासित रहना, सूचनाओं का आदान-प्रदान करना, और सही दिशा में प्रतिक्रिया देना देश की रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। ऐसे में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आम नागरिकों को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से तैयार करने का एक सशक्त माध्यम है।

एक वरिष्ठ सिविल डिफेंस अधिकारी के अनुसार, “यह ड्रिल न केवल युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं, आतंकी हमलों या किसी बड़े हादसे के समय नागरिकों को तैयार करने का एक राष्ट्रीय प्रयास है।” उन्होंने बताया कि ड्रिल के बाद रिपोर्ट तैयार कर गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी, जिसमें प्रत्येक जिले की प्रतिक्रिया, संसाधन, और समन्वय की क्षमता का विश्लेषण किया जाएगा।

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