Ranchi News: रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में महिला डॉक्टर की हालत चाय पीने के बाद बिगड़ने का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। डॉक्टर अरुणा फिलहाल वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं, हालांकि उनके सभी वाइटल्स सामान्य स्थिति में हैं। रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सकों का कहना है कि यह सकारात्मक संकेत है और आने वाले दिनों में उनकी सेहत में सुधार होने की उम्मीद है।
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घटना के बाद रिम्स प्रबंधन ने आंतरिक जांच समिति गठित की है। समिति ने गुरुवार रात उस वक्त मौजूद डॉक्टरों के बयान दर्ज कर लिए हैं। वहीं, संदिग्ध थरमस और कैंटीन से लिए गए चाय के सैंपल पुलिस को सौंप दिए गए हैं। फिलहाल बरियातू थाना पुलिस और फूड सेफ्टी विभाग इस मामले की जांच में जुटे हैं। कुछ सैंपल की रिपोर्ट आ चुकी है, जबकि बाकी जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इन्हीं परिणामों से साफ होगा कि चाय में कोई हानिकारक या संदिग्ध तत्व मौजूद था या नहीं।
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Ranchi News: जेडीए ने घटना को लेकर प्रबंधन पर बोला सीधा हमला
इस बीच रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) ने घटना को लेकर प्रबंधन पर सीधा हमला बोला है। एसोसिएशन का आरोप है कि डॉक्टरों के लिए स्वच्छ कैंटीन और बेहतर रेस्ट रूम की मांग पिछले साल से की जा रही थी, लेकिन प्रशासन ने इसे अनदेखा कर दिया। जेडीए ने यह भी कहा कि अस्पताल परिसर में हमेशा गंदगी और कचरे का ढेर लगा रहता है, जबकि प्रबंधन का ध्यान केवल कर और फाइन लगाने पर केंद्रित रहता है।
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एसोसिएशन ने मांग उठाई है कि रिम्स प्रशासन में छात्र कल्याण और हॉस्टल प्रबंधन की जिम्मेदारी वर्तमान अधिकारियों से हटाकर छात्रों को दी जाए। उनका कहना है कि डीन स्टूडेंट वेलफेयर का चुनाव छात्रों के वोट से होना चाहिए और हॉस्टल इंचार्ज का चयन भी छात्र स्वयं करें।
डॉ. अरुणा की सेहत को लेकर फिलहाल पूरी चिकित्सक टीम निगरानी कर रही है। वहीं, जांच एजेंसियों की रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि यह घटना लापरवाही का नतीजा है या इसके पीछे कोई साजिश।












