Ranchi: झारखंड के आदिवासी बहुल इलाकों में अब शराब दुकान, बार, होटल और रेस्टोरेंट खोलने से पहले ग्रामसभा की अनुमति अनिवार्य होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। साथ ही इन क्षेत्रों में शराब दुकानों का लाइसेंस प्राथमिकता से आदिवासियों को देने पर भी चर्चा हुई।
बैठक में सीएनटी एक्ट के तहत जमीन खरीद-बिक्री में थाना क्षेत्र की बाध्यता समाप्त करने के प्रस्ताव पर कानूनी सलाह लेने का निर्णय लिया गया। इसके लिए एक फैक्ट फाइंडिंग टीम भी गठित होगी।
पश्चिमी सिंहभूम के ईचा डैम की ऊंचाई घटाने पर सहमति बनी ताकि कम से कम गांव प्रभावित हों। अब केवल 18 गांव प्रभावित होंगे, जिनमें से सिर्फ दो गांवों पर अधिक असर पड़ेगा।
टीएसी की वैधता पर उठे सवालों को खारिज करते हुए प्रो. स्टीफन मरांडी ने कहा कि परिषद का गठन पूरी तरह कानूनी है और इस पर महाधिवक्ता से राय ली जा चुकी है। साथ ही, मेसा बिल 2021 में संशोधन का प्रस्ताव फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि बैठक में आदिवासी हित, भाषा-संस्कृति की सुरक्षा और विकास को लेकर गंभीरता से चर्चा हुई है। सभी विभागों को आवश्यक दस्तावेज व मसौदा तैयार करने के निर्देश दिये गए हैं।
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